घटनाओं की रिपोर्ट करना:
छात्र रैगिंग की घटनाओं की रिपोर्ट एंटी-रैगिंग समिति या अन्य नामित अधिकारियों को दे सकते हैं।

एंटी-रैगिंग स्क्वॉड:
कुछ संस्थान रैगिंग की घटनाओं से प्रभावित क्षेत्रों में गश्त और निगरानी के लिए एंटी-रैगिंग स्क्वॉड भी बनाते हैं।

कानूनी आधार:
छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्थान में प्रशिक्षण का नियंत्रण अधिनियम, 2001 (छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्थान रैगिंग रोकथाम अधिनियम, 2001) राज्य में रैगिंग विरोधी प्रयासों के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करता है।

एंटी-रैगिंग समितियों द्वारा की गई कार्रवाई के उदाहरण:

शपथपत्र:
कई संस्थान छात्रों और अभिभावकों से एंटी-रैगिंग शपथपत्र पर हस्ताक्षर करने की अपेक्षा करते हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे रैगिंग में शामिल होने के परिणामों से अवगत हैं।

जागरूकता कार्यक्रम:
शैक्षणिक संस्थान रैगिंग और इसके हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए व्याख्यान, पोस्टर और चर्चा सहित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करते हैं।

घटना की रिपोर्टिंग:
संस्थाएं छात्रों के लिए रैगिंग की घटनाओं की रिपोर्ट करने के लिए स्पष्ट चैनल स्थापित करती हैं और यह सुनिश्चित करती हैं कि शिकायतों की पूरी तरह से जांच की जाए।

अनुशासनात्मक कार्रवाई:
समिति रैगिंग के दोषी पाए गए छात्रों के खिलाफ त्वरित और उचित कार्रवाई करती है, जिसमें निलंबन, निष्कासन या अन्य दंड शामिल हैं।
एंटी रैगिंग एक्ट के संबंध में छत्तीसगढ़ सरकार की अधिसूचना
किसी भी शैक्षणिक संस्थान का कोई भी छात्र प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से या किसी अन्य माध्यम से या कहीं भी ऐसा नहीं करेगा या उसमें भाग नहीं लेगा...